Friday 12 August 2011

आइये तनिक फिर विचारें !! कि ये कहाँ आ गए हम ??


आइये तनिक फिर विचारें !! कि ये कहाँ आ गए हम ??

ये ब्लॉग समर्पित होगा भारत की इस पुण्य भूमि को | ये ब्लॉग समर्पित होगा भारत के उच्तम दर्शन को | ये ब्लॉग समर्पित होगा सदा सत्य सनातन वेदिक धर्मं को | मेरा ये ब्लॉग समर्पित होगा मेरे अंतःकरण की उस इच्छा को, की जो मैंने जाना है, उसे सबके साथ साझा करू |

अगला प्रशन होगा , अरे हिंदी में क्यों ?
इसका उत्तर ये है की , इस ब्लॉग के माध्यम से मैं केवल और केवल अपने भारतीय बंधुओ को ही संबोधित करना चाहता हू | उस से भी अधिक में केवल हिन्दुओ को ही संबोधित करना चाहता हू |
किसी और मत या सम्प्रदाय से मुझे मेरे इस ब्लॉग को कोई अभिप्राय नहीं है | मैं चाहुगा कि हिन्दुओ में भी जो वेदिक परंपरा कि तर्क शक्ति रखते हो , तथा सत्य जानने , सत्य मानने ,सत्य फ़ैलाने के इच्छुक हो , व्ही इस ब्लॉग को पढ़े . अन्यथा मेरा विनम्र अनुरोध है कि आप इसे ना पढ़े |

अब अपना भी परिचय दे दूं |
में भारतीय हूँ , जन्म से  भी और अपनी सोच से भी |
हिंदू हूँ , जन्म से भी और सोच से भी |
बस अब भारतीय होने और हिंदू होने कि अपनी सोच को ही आप सबके साथ बाँटना चाहुगा |
अपना लेखकी नाम में अब से आर्यवीर रखता हूँ |
आर्य -> श्रेष्ठ गुणों वाला मनुष्य |
वीर -> सत्य को बताने से न डरने वाला |

मैं श्रेष्ठ गुणों का हूँ ऐसा तो नहीं कह सकता पर हाँ इस ब्लॉग पर सत्य का प्रतिपादन करने में नहीं हिचकिचाऊगा ऐसा में संकल्प करता हूँ |

आइये , जरा फिर विचारे कि जिसे आज हम सनातन धर्मं मानते है क्या सदा से वही था हमारा सनातन धर्मं ? क्या केवल कथा कहानियाँ ही बनाती है हमारा धर्मं ? क्या है सनातन धर्मं ? क्या क्या कर रहे है धर्मं के नाम पर? क्या हम धर्मं मार्ग पर है?
आइये तनिक फिर से विचारें  !!

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