फलित ज्योतिष विद्या,अर्थात भविष्य नाशिनी पाखंडता ||
मेरे प्रिय भाइयो व् बहनों , आज मेरा मंतव्य है आपको इस कपोल- कल्पित अविद्या के बारे कुछ बताना!
आज प्रातः मेरे एक मित्र मुझे मिले , तो वो अखबार में कुछ पढ़ रहे थे ... पास जाकर देखा तो राशिफल ..... में सहसा हसने लगा तो उन्होंने मुझसे इसका कारण पुछा ... अब हमारा आगे का वार्तालाप में लिखता हूँ!
मित्र : अरे आप हँस क्यों पड़े ?
आर्यवीर : आप जो पढ़ रहे है उसे देख कर |
मित्र :: नहीं आर्य जी , ये राशि तो मेरी सही ही निकलती है बहुत बार |
आर्यवीर : हाहा !! अच्छा आज क्या लिखा है आपकी मेष राशि में ?
मित्र :: लिखा है आज मुझे धन लाभ होगा | तो में सोच रहा हू आज लाटरी के कुछ टिकेट खरीद लूं |
आर्यवीर : अरे अरे लाटरी बाद में खरीदिएगा , पहले जरा ये बताइए ये कुल राशियाँ कितनी हैं?
मित्र :: 12 राशियाँ होती है ... मीन, मेष ,तुला आदि |
आर्यवीर : ठीक तो भारत कि जनसँख्या है 100 करोड़ , और इनमें लगभग 80-85 करोड़ सनातनी/हिंदू है , अब इनमे यदि विभाजित करें , तो प्रत्येक राशि में 7 करोड लोग आयेंगे |
क्या प्रत्येक को धन लाभ होगा? नहीं !! इसका अर्थ है ये सब झूठ बोलते हैं |
तनिक खोज करेंगे तो जानेगे कि कुछ दो चार मेष राशि वालो का तो आज आज ही दिवाला निकला होगा !!! तो खा गया उनका धन लाभ ? क्यूँ नहीं वो जाकर ज्योतिषियों कि गर्दन पकड़ते कि तुमने तो लिखा है "धनलाभ होगा !! तो दिवाला क्यों पीटा ?"
मित्र :: बात तो आपकी ठीक है , पर बहुत बार सही निकलता है ||
आर्यवीर :: मित्र ये ज्योतिषी गणित के सम्भावना के नियम से बोलते है |जैसे १०० बचे क्लास में बेठे , और ये कह देंगे आज पास होने के योग है , अब सभी तो फ़ैल नहीं हो जाएँगे बहुत पास भी होंगे , लेकिन क्या ज्योतिषी के कहने से पास हुए? नहीं अपनी म्हणत से पास हुए | ये सब सिर्फ law of probablity पर चलते है | १००० लोगो के लिए तुक्के मार दो, १० के लिए तो सही होंगे ही ! बाकि ९०० जहां जातें हैं जायें ... १० तो मुरीद बन जाएँगे !
और दूसरे , जब आप सुबह पढ़ लेगे कि ऐसा होना है तो न चाहते हुए भी कर बैठेगे | जैसे किसीने पढ़ा तुला राशि वालो को दुर्घटना का डर | उसने चाहे कि वो बहुत अच्छा ड्राईवर था, किन्तु उस दिन घर से यूँ ही सोच कर निकला कि आज तो दुर्घटना होनी है , गाड़ी को ठोक दिया |
इसी तरह आपको यदि आज सड़क पर गिरा १ रुपया भी मिल गया तो आप सोचेगे कि शायद धन लाभ हो गया|
मित्र: हाँ बात तो आपकी ये भी ठीक है , पर जो कुछ ज्योतिषी उपाय करते है उसका क्या?
आर्यवीर : देखिये.. यही तो इनका धंधा है , पहले आपके मन में डर बिठा देंगे .... तुम्हारा शनि भारी है , राहू सर पर है , केतु ने जकडा है ... इत्यादि .... फिर जब व्यक्ति को छोटी सी दुर्घटना भी ऐसे लगती है मनो रहो केतु खुद आ कर करवा रहे है .... फर वे उपायों के चक्कर में डालते हैं...
दुसरे ये कभी उपाय कि गारंटी नहीं लेते | कहते है हमने अपना काम कर दिया बाकि परमात्मा पर है , जो सब परमात्मा पर ही है ... तो तुम उपाय के पाखंड क्यों करते हो?
इनसे पूछे क्या तुम परमात्मा से भी ऊपर हो ?
यदि परमात्मा चाहता है कि .. आज मेरा एक्सीडेंट हो . तो है कोई विश्व कि शक्ति कि उसकी इच्छा को बदल सके ? फिर क्यों आप परमात्मा को छोड़ इन जैसे पाखंडियों पर विश्वास करते हो?
to be continued...
bahut hi badhiya vartalap hai arya ji
ReplyDeleteआपका कथन सर्वथा सत्य है। तथाकथित भविष्यवक्ता धर्म के वास्तविक मर्म से तो अनभिज्ञ ही दिखते है।
ReplyDeleteमात्र एक ही शंका है - ये आपने to be continued.. ऐसा क्यो लिखा है? क्या यह अधूरा संवाद है?
@जयतु संस्कृतं ॥
ReplyDeleteजी haan वो mein is sey aage का कुछ संवाद भी लिखना तो चाहता था पर कुछ समय की कमी के कारण न हो सका समय पाते ही अवश्य लिखुगा .